kidney Stones

किडनी स्टोन

किडनी स्टोन का बेहतर इलाज केवल आयुर्वेद में संभव है। खास बात यह कि बड़े बड़े यूरोलोजिस्ट भी इस बीमारी में आयुर्वेद की दवाओं से इलाज करते हैं। सामान्य रूप से 25 -30 एमएम तक की स्टोन का इलाज औषधियों से आसानी से हो जाता है. किडनी की पथरी के इलाज के लिए आयुर्वेद में पाषाणभेद या पथरचट नाम के पौधे के 5-6 पत्ते आधा गिलास पानी में उबाल कर सुबह-शाम पीने से लाभ बताया गया है। वरुणादि क्वाथ, गोक्षुरादि गुग्गुल, पुनर्नवा क्वाथ आदि दवाएं भी बहुत कारगर है। गोक्षरू, तृणपंचमूल, पुनर्नवा आदि औषधियों के द्वारा इसमें लाभ मिलता है। इसके साथ ही कुलथी की दाल भी किडनी में स्टोन की समस्या को दूर करने में कारगर है। मगर ये सभी दवाएं वेदरिशी मंत्रा के आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श से ही इस्तेमाल करें।

इन लक्षणों से पथरी का पता चलता है :

पेट में किडनी के पास वाले हिस्से में असहनीय दर्द होना। पेशाब करते समय दर्द एवं जलन होना। पेशाब का पीला होना। यूरिन में बहुत बदबू होना साथ ही खून आना। उलटी जैसा लगना।

क्या करें की पथरी न हो :

आयुर्वेद का मूलभूत सिद्धात है कि रोग को होने ही न दिया जाए।

निम्न उपायों द्वारा स्टोन को बनने से रोका जा सकता है :

टमाटर, चुकंदर, अमरुद या पालक कम मात्रा में खाएं। रेड मीट यानी बकरे और अन्य बड़े जानवरों का मास खाना छोड़ दें या फिर बिल्कुल कम खाएं। अगर बहुत इच्छा हो तो महीने में एक-दो बार से ज्यादा न खाएं। रोजाना कम-से-कम 9-10 गिलास पानी पिएं। बीज वाली चीजों का सेवन कम मात्रा में करें


गाल ब्लैडर स्टोन

खानपान की गलत आदतों की वजह से आजकल लोगों में गॉलस्टोन यानी पित्त की पथरी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। गाल ब्लैडर में लगभग अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल से ही बनती हैं। पित्त यानी बायल लिवर में बनता है और इसका भंडारण गॉल ब्लैडर में होता है। यह पित्त फैट युक्त भोजन को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो पथरी का निर्माण होता है। और यहाँ वेदरिशी मंत्रा का काम शुरू होता है।

पित्त की पथरी के लक्षण :

शुरुआती दौर में जब पथरी छोटी होती है तब कोई लक्षण नज़र नहीं आते। जब पथरी का आकार बढ़ जाती है तो गॉलब्लैडर में सूजन, संक्रमण या पित्त के प्रवाह में रुकावट होने लगती है। ऐसी स्थिति में लोगों को पेट के ऊपरी हिस्से की दायीं तरफ दर्द, अधिक मात्रा में गैस की शिकायत, पेट में भारीपन, मिचली आना जैसे लक्षण नज़र आते हैं।

पित्त की पथरी में क्या क्या परहेज करना चाहिए ?
  • अधिक कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि तला हुआ भोजन, फ्राइड चिप्स से परहेज़ करना चाहिए
  • उच्च वसा वाला मांस जैसे बीफ और पोर्क नही खाना चाहिए
  • दूध के बने उत्पाद जैसे क्रीम, आइसक्रीम, पनीर, फुल-क्रीम दूध से बचना चाहिए।
  • मसालेदार भोजन और शराब जैसी चीजें भी नही खाना चाहिये।
आयुर्वेदिक इलाज :

सामान्यतया गाल ब्लैडर की बाईल डक्ट के चैड़ाई 7 mm तक होती है। अगर पथरी का साइज इससे छोटा हो तो आसानी से 4 से 6 महीने में आयुर्वेद की दवाओं से निकल जाता है। आयुर्वेद में इसके लिए बहुत सी औषधियां है। पथरी की समस्या होने पर जितना जल्दी हो सके वेदरिशी मंत्रा के योग्य वैद्य की सलाह से दवाओं का सेवन शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए ताम्र सिंदूर, हजरुल यहूद भस्म, मेदोहरविडंगदी लौह, फलत्रिकादी क्वाथ जैसी बहुत सी औषधिया है जिनसे इसमे लाभ मिलता है


What is a kidney stone?

Kidney stones are small, hard sediments of minerals like calcium, oxalate, and acid salts such as uric acid that stick along in undiluted urine. They are painful when passing the urinary duct. The main symptom faced is severe pain in the abdomen. Remedies can be drinking a lot of water and taking painkillers.

Ayurvedic management of Kidney Stone.

It is a natural way of treating stones. Ayurvedic treatments mainly use traditional methods to cure and cause zero side effects. In this treatment, many diuretic herbs are used. Ayurvedic experts have made a number of medicines, mostly with natural products.

Tips to prevent kidney stones

Some tips are mentioned that don’t have any side effects and can find it naturally with home remedies. The main tip that doctors prefer is to intake a pretty good amount of fluids, that will help the person to stay hydrated.

Drink more that contains water, well, coffee and tea don’t count. There are many routines that can cure mild kidney stones, which include adding certain veggies and beverages to your diet. For instance, having coconut water, and lemon juice mixed with honey. As well as eliminating foods like chocolates, and nuts from your diet. Avoiding intake of high salt can also prevent kidney.


GALLBLADDER STONES (Gallstones)

Gallbladder stones, scientifically termed gallstones, are crystalline deposits that form in the gallbladder—a small, pear-shaped organ beneath the liver. These stones can vary in size and composition. They develop when bile, which aids in digestion, contains too much cholesterol or bilirubin. Over time, these substances can harden into stones, causing discomfort and health issues. Here the work start with Vedrishi Mantra.

Causes of GALLBLADDER STONES (Gallstones) According to Ayurveda

Ayurveda, the ancient Indian system of medicine, attributes gallstones to imbalances in the body's doshas (Vata, Pitta, Kapha) and poor dietary and lifestyle habits. Factors like a sedentary lifestyle, excessive consumption of fatty foods, and irregular eating patterns can contribute to the formation of gallstones according to Ayurvedic principles.

Classification of GALLBLADDER STONES (Gallstones)

Gallstones can be classified based on their composition into cholesterol stones, pigment stones, and mixed stones. Understanding the type of gallstones is essential for appropriate treatment.

Complications In GALLBLADDER STONES (Gallstones)

Complications related to gallstones may involve inflammation of the gallbladder (cholecystitis), obstruction of the bile duct, pancreatitis, and in severe cases, even infection or cancer.

Ayurvedic Approach and Management of GALLBLADDER STONES (Gallstones)

Ayurveda adopts a holistic approach to manage gallstones, focusing on balancing doshas through dietary modifications, lifestyle changes, specific Ayurvedic therapies, and Vedrishi Mantra herbs known for their potential in dissolving or reducing gallstones.

Precautions to Avoid Aggravating GALLBLADDER STONES (Gallstones)

Maintaining a healthy lifestyle, incorporating a balanced diet, and avoiding aggravating factors such as alcohol and high-fat, junkie foods is crucial in preventing worsening of gallstones.

Diet and Lifestyle In The Treatment of GALLBLADDER STONES (Gallstones)

A well-planned diet that excludes alcohol and fatty foods is beneficial. Additionally, incorporating specific exercises can aid in managing gallstones effectively. Vedrishi Mantra provided you a Balanced Diet Plan.

Ayurvedic Herbal Remedies for GALLBLADDER STONES (Gallstones)

Ayurveda offers herbal remedies known for their potential in managing gallstones. These natural solutions play a significant role in dissolving or alleviating gallstones.

Ayurvedic Therapies for GALLBLADDER STONES

Various Ayurvedic therapies, including Panchakarma detox cleanse, are beneficial in managing gallstones. These therapies aim to detoxify the body and restore dosha balance.

Prevention is Better Than Cure

Maintaining a healthy lifestyle by adhering to a balanced diet, regular exercise, and managing stress can significantly reduce the risk of developing gallstones.